जिसकी चर्चा है चारों ओर,
क्या पहने हम,कब पहने हम,
क्यों पहने हम,यह हमारी मर्जी है,
मत टोको हमें,पहहने दो हमें,
ये आजकल का स्टाइल है,
ये हमारी अर्जी है I
आया आजकल फैशन का है वह दौर,
जिसकी चर्चा है चारों ओर I
सूट सलवार अब छोड़ दिया,
पल्लू,दुपट्टा,अब तोड़ दिया,
साड़ी भी हो गई है रफ,
अब तो फैशन आया है,
बिल्कुल रफ एंड टफ I
कपड़ा क्या है मालूम नहीं,
सूती-तेरीकोट,का फर्क नहीं,
फ्लैट, हाई- हील का आया है वह दौर,
दो-चार कदम चलके गिरु कहीं और,
आया आजकल फैशन का वह दौर.
जिसकी चर्चा है चारों ओर I
छोटी है ड्रेस पर हमें पता नहीं,
बांहे उधेरी हैं,पर हमें दिखा नहीं,
चूड़ी मांग-टीका कब छूटा, अब पता नहीं,
जींस का चलन है अब तो चारों ओर,
आया आजकल फैशन का वह दौर.
जिसकी चर्चा है चारों ओर I
टाइट कपड़े पहनकर लड़के सोचते हैं,
बॉडी अब हमारी बन गई है,
पर वह भूल जाते हैं जींस खिसक कर कहां गई है,
टी-शर्ट जो पहन रखी है टाइट,
पर क्या है उसकी हाइट?
धोती-कुर्ता, पैंट-कमीज, ये भी थे कभी चारों ओर,
आया आजकल फैशन का वह दौर.
जिसकी चर्चा है चारों ओर I
अर्धनग्न युवक-युवतियों को देख रहे हैँ,
अपनी मर्यादा-संस्कृति को खो रहे हैं
रूप,रंग,श्रृंगार,यौवन को धो रहें है,
विदेश (फ्रांस) से निकलकर आया है हमारी ओर,
रोड मॉडल ऐसे बनाएं,जो बदनाम है चारों ओर,
आया आजकल फैशन का वह दौर.
जिसकी चर्चा है चारों ओर I
सोलह- श्रृंगार कभी करके तो देखो,
पारंपरिक वेशभूषा कभी पहन करके तो देखो,
पूर्वजो ने जो हमारे छोड़ा, उसे कभी धारण करके तो देखो,
देव-तुल्य तुम्हें यही दिखोगे अपने चारों ओर
यही था फैशन का वह दौर,
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