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Saturday, February 15, 2025

ऊँची उड़ान के सपने

एक ऊँची उड़ान 
आसमान में चमकते सूरज की तरह, 
 तूफानों में पवन के वेग की तरह,
 महासागर में मिलते जल धाराओं की तरह,
 ज्वालामुखी से निकलते गरम लावे की तरह,
 बंद है इन आंँखों में,ऊंँची उड़ान के सपने।
 शाख से टूटे पत्तों की तरह,
 बहते जलप्रपात के धाराओं की तरह,
 मिट्टी में पैदा हुए,नव अंकुर की तरह,
 कांटों में खिलते हुए गुलाब की तरह,
 बंद है इन आंँखों में,ऊंँची उड़ान के सपने।
 खेतों में लहराती फसल की तरह,
 कड़े धूप में बहते मेहनती पसीने की तरह,
 पशुओं में उत्तम कामधेनु गाय की तरह,
 बंजर जमीन पर चलते,हल के धार की तरह,
 बंद है इन आंँखों में,ऊंँची उड़ान के सपने।
 रत्नों के बीच में सुशोभित,माणिक्य की तरह, 
 रात्रि में चमकते पूर्णिमा के चांँद की तरह,
 भोर में चमकते ध्रुव तारे की तरह,
 इंद्रधनुष के सुंदर रंगों की तरह,
 बंद है इन आंँखों में, ऊंँची उड़ान के सपने।
 जीवनदायिनी इस प्रकृति मांँ की तरह,
 पापनाशिनी, पावन गंगा की तरह,
 आत्मा को झझकोरते,शंखनाद की तरह,
 भक्ति में डूबे भक्त की तरह,
 बंद है इन आंँखों में,ऊंँची उड़ान के सपने।


लेखक और पाठक

लेखक और पाठक  निरंतर लिखना भी एक चुनौती है। नित नूतन विचारों को पैदा करना, उन विचारों को शब्दों में पिरोना, फिर उन शब्दों को कवि...