राहें है पुरानी,पर नई है जवानी.
दिल में छुपा के अपना दुख-दर्द,
आंखों में लेकर चले हैं पानी.
गांव-गांव से उठाते हैं,यह सवारियाँ,
मंजिल तक छोड़ने की इनकी जिम्मेदारियाँ,
धूप में भी इनको नहीं दिखती अपनी परछाइयाँ,
क्या कभी इन्होंने मांगी किसी से,अपनी हिस्सेदारियाँ ?
पहाड़ी ड्राइवरों की भी वही कहानी,
राहें हैं पुरानी,पर नई है जवानी.
पहाड़ के टेढ़े-मेढ़े मोड़ों पर,गाड़ी चलाना नहीं है आसान,
गहरी-गहरी खाइयाँ देखकर, कितने हो जाते हैं परेशान,
अनाड़ियों की तो हो जाती है क्षण भर में पहचान,
कुशल ड्राइवर तो है सवारियों के लिए, भगवान के समान,
पहाड़ी ड्राइवरों की भी वही कहानी,
राहें हैं पुरानी,पर नई है जवानी I
ईष्ट देवों का नाम लेकर चले यह सुबह-शाम,
अपने काम बाद में पहले सवारियों का काम,
भागा दौड़ी में नहीं मिल पाता इनको पूरा आराम,
परिवार के लिए, पेट के लिए,मेहनत करके, बनाते हैं ये अपना नाम.
पहाड़ी ड्राइवरों की भी वही कहानी,
राहें हैं पुरानी,पर नई है जवानी I
सीजन (गर्मी, अशोज,दीवाली, इत्यादि) में कमाई करें दबाकर,
अपने खून-पसीने को,दूसरों से छुपाकर,
रात की नींद,दिन के चैन को हराकर,
करने चला है वह पूरे,अपने कुछ सपने बचाकर.
पहाड़ी ड्राइवरों की भी वही कहानी,
राहें हैं पुरानी,पर नई है जवानी.
सफर में पड़ने वाले होटल, ढाबे, इनका है दूसरा घर-बार, रोज का आना-जाना होता, तीज हो,या कोई त्यौहार.
इनके साथ चार सवारियाँ भी,होटलों , ढ़ाबों में आती बार-बार,
खाना महंगा है,स्वाद कैसा है?सवारियाँ करें बस यही विचार .
पहाड़ी ड्राइवरों की भी वही कहानी, राहें हैं पुरानी,पर नहीं है जवानी .
जीवन इनका नहीं है आसान,
बीच जंगल गाड़ी खराब हो,तो कौन आता है इनके काम ?
टूटी सड़कें, ढहते पहाड़, विषम परिस्थितियां, मौसम की मार,
दो दिन का सफर तब,बन जाए छः दिन की मार,
जीवन तब बन जाए ऐसा, जैसे हो तलवार की धार.
पहाड़ी ड्राइवरों की भी वही कहानी,
राहें हैं पुरानी,पर नई है जवानी.
हाथ जोड़कर आपसे इतना ही है निवेदन भाइयों,
नशे से खुद को रखो बचाकर,
सुट्टे, शराब,से हाथ छुड़ाकर,
एक नया सफर, एक नई मंजिल,
कर रही है बांहे खोल तुम्हारा इंतजार,
मेहनत करो,पैसा कमाओ,और संभालो अपना घर-बार.
पहाड़ी ड्राइवरों की भी वही कहानी,
राहें हैं पुरानी,पर नई है जवानी.