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Saturday, November 23, 2024

योग का महत्त्व


भारतवर्ष में योग का काफी महत्व है। भारत में योग 5000 वर्ष से भी अधिक पुराना है।योग  शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा के शब्द "युज"से हुई है, जिसका अर्थ होता है "जुड़ना", " इक्ट्ठा "होना । योग भी हमारे शरीर में, शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक शक्तियों को इक्ट्ठा करके इनको जोड़ता है। योग से इंसान में एक अलग ही सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।योग की उत्पति हमारे भारतवर्ष में ही हुई थी।इसके पक्षचात ये विश्व के अलग-अलग देशों में फ़ैला।योग शब्द का उल्लेख सबसे पहले ऋग्वेद में होता है. बाद में हमारे महान ऋषि मुनियों और संतों ने योग को संपूर्ण पृथ्वी में फेलाया। हदप्पा और मोहनजोदड़ो में जो अवशेष मिले हैं, उनमें भी योग मुद्रा देखने को मिलती है।
योग का जनक "महर्षि पतंजलि"को कहा जाता है। अपने योगसूत्र में  उनहोने अलग-अलग प्रकार के योगो का वर्णन करके उन्हें एक सूत्र में व्यवस्थित किया है।
योग करने के अनेक फायदे हैं।योग से इंसान शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाता है। कितनी गंभीर बीमारियां है, जिनका इलाज योग द्वारा संभव है। योग करने से हमको भूख और नींद भी समय से आती है. योग इंसान के पlचन तंत्र को मजबूत करता है।योग करने से मनुष्य मानसिक रूप से मजबूत बनता है।विश्व के बड़े-बड़े उद्योगपति, व्यवसाई ,खिलाड़ी बड़े-बड़े लीडर  इत्यादी नीयमीत तौर पर योग करते हैंl
योग के सर्वभौमिक प्रभाव को देखकर संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया है। छोटे-छोटे बच्चों को बचपन से योग करना चाहिए। उनके लिए "सूर्य- नमस्कार "सबसे बढ़िया योगासन हैं, जिनमें 12 आसन होते हैंl इन 12 आसनों को करके उनका शाररिक और मानसिक विकास होता है।हमें भी योग को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाना चाहिए और नियमित रूप से योग करना चाहिए।

लेखक और पाठक

लेखक और पाठक  निरंतर लिखना भी एक चुनौती है। नित नूतन विचारों को पैदा करना, उन विचारों को शब्दों में पिरोना, फिर उन शब्दों को कवि...