नेचुरल फैब्रिक------ जो फैब्रिक हमें कुदरती तौर पर पेड़-पौधों,वह जानवरों इत्यादि से, प्राप्त होते हैं,वो नेचुरल फैब्रिक कहलाते हैं.
इको फ्रेंडली फैब्रिक-------- नेचुरल फैब्रिक में से भी वह फैब्रिक, जो हमारे पर्यावरण के अनुकूल होते हैं,तथा वह उसे(पर्यावरण को), ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाते,उन्हें इको फ्रेंडली फैब्रिक कहते हैं.
सिंथेटिक फैब्रिक---------- जो फैब्रिक इंसानों द्वारा तैयार किया जाता है उसे सिंथेटिक फैब्रिक कहते हैं. यह फैब्रिक पर्यावरण को अधिक नुकसान पहुंचाता है.
फैशन जगत में अब तक, "फास्ट फैशन" का दौर था.फास्ट फैशन के लिए फैब्रिक में, बायोकेमिकल,डाई,इत्यादि हानिकारक चीजों का प्रयोग अत्यधिक मात्रा में होता था, जिससे पर्यावरण को बहुत अधिक नुकसान पहुंचता था. परंतु अब अधिकतर फैशन डिजाइनर,इस बात को समझ चुके हैं, अब वो अपने फैशन में,अधिक से अधिक इको फ्रेंडली फैब्रिक का इस्तेमाल कर रहे हैं. यह फैब्रिक पर्यावरण के अनुकूल होता है. निम्नलिखित में हम कुछ इको फ्रेंडली फैब्रिक की बात करते हैं.
सिल्क फैब्रिक------ सिल्क का कपड़ा कीड़ों से ही तैयार किया जाता है. सिल्क फैब्रिक के लिए कीड़ों का पालन किया जाता है. सिल्क प्राप्त करने के दौरान अधिकतर कीड़े
मर भी जाते हैं. परंतु इसकी तुलना में अब बनाना फैब्रिक है.
बनाना(केला) फैब्रिक------ केले के पेड़ से जो कपड़ा तैयार होता है उसे, बनाना फैब्रिक कहते हैं. यह फैब्रिक केले के पेड़ के,"तने" से तैयार किया जाता है. यह कपड़ा सिल्क के कपड़े के समान ही नर्म और मुलायम होता है.
केले के तने में फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है, जो कि इसे और इको फ्रेंडली बनाने में मदद करता है. तने की बाहरी हिस्से से,जो फैब्रिक तैयार होता है,वह थोड़ा सस्ता होता है. परंतु आंतरिक हिस्से से,जो फैब्रिक तैयार किया जाता है,वह ज्यादा कीमती होता है क्योंकि अंदर वाला हिस्सा,और ज्यादा मुलायम होता है.
बेम्बू (बांस )फैब्रिक --------- बांस से बने फैब्रिक भी फैशन जगत में तेजी से, फैल गये हैं. बांस की खास बात यह होती है,कि यह आसानी से,व कम पानी वाली जगह पर, लगाया जा सकता है. यह बड़ी जल्दी-जल्दी बढ़ता है, और कम समय में चारों तरफ फैल भी जाता है.बांस पूर्णत, "बायोडिग्रेडेबल" होता है, अर्थात यह मिट्टी में पूरी तरह गलनशील होता है,और पर्यावरण को नुकसान भी नहीं पहुंचाता. बांस में भी भरपूर मात्रा में, फाइबर होता है. कॉटन के मुकाबले,बांस से बने कपड़े, सोखने की क्षमता ज्यादा रखते हैं. इससे बने कपड़े नर्म और मुलायम होते हैं.बांस में," एंटी बैक्टीरियल "गुण होने के कारण,इन कपड़ो से दुर्गंध भी नहीं आती है.
ऑर्गेनिक कॉटन फैब्रिक(जैविक सूती )------- इसी प्रकार सूती फैब्रिक भी अब, जैविक तरीके से तैयार हो रहे हैं. जैविक खेती से पानी की बचत भी होती है. पहले अधिक मात्रा में कपास के लिए, इसकी खेती जल्दी-जल्दी करी जाती थी, और जल्दी फसल प्राप्ति के लिए,इसमें,"केमिकल्स व फर्टिलाइजर्स ",का इस्तेमाल होता था.
यह,केमिकल और फर्टिलाइजर्स,हमारे पर्यावरण के लिए बहुत नुकसानदायक होते हैं.ज्यादा फसल के लिए,पानी का इस्तेमाल भी ज्यादा होता था. परंतु जैविक खेती में इन चीजों के इस्तेमाल नहीं किया जाता, और यह हमारे पर्यावरण के अनुकूल भी है.
इसी प्रकार और फैब्रिक भी हैं,जो इको फ्रेंडली होते हैं, जैसे कि भांग,अनानास, इकोनिल,खादी, इत्यादि.इनसे बने हुए, कपड़े,बैग,जूते,पर्स, और सामान भी,आसानी से बाजार में उपलब्ध है.हमें भी अपने पर्यावरण के अनुकूल, इको फ्रेंडली फैब्रिक को बढ़ावा देना चाहिए. एक," स्वच्छ पर्यावरण "में ही,"स्वस्थ समाज "का निर्माण हो सकता है.
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